गोविन्दपुर, धनबाद सीओ शशीभूषण सिंह राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक उत्तम उदाहरण: बिनय कुमार सिंह
रांची : ईडी रेड के मामले में गोविन्दपुर, धनबाद सीओ शशीभूषण सिंह के बारे में जो नई बातें सामने आ रही हैं वह चौंकाने वाली हैं।इन्होंने हल्का कर्मचारी से विभागीय परीक्षा के माध्यम से प्रोन्नति पाकर सीओ तक का सफ़र तय किया है। यह कहानी भी दिलचस्प है।
विभागीय परीक्षा JSSC के माध्यम से आयोजित की गई थी और शशीभूषण सिंह उसमें टॉपर हो गए थे। बाकी जीतने टॉपर हैं वो अभी भी प्रमोशन के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। कहते हैं कि परीक्षा में सिंह को एक अलग कमरा ही दें दिया गया था।
हाल ही में झारखंड में JSSC पेपर लीक घोटाला हुआ है, जिसके पेपर 30 से 40 लाख रुपये में बाज़ार में बिक रहा था। सिंह का प्रमोशन भी एक घोटाला है, जिसकी जाँच अलग से होनी जरुरी है।
शशीभूषण सिंह के कारनामे उनके हल्का कर्मचारी रहते ही शुरू हो गई थीं। सबसे पहले पुंदाग निवासी श्री गोपाल साहू नाम के व्यक्ति ने 2013 में लोकायुक्त में उनके खिलाफ शिकायत की थी।
2013 में दर्ज पीई संख्या 36/13 में उनके ऊपर 2016 में निगरानी ब्यूरो ने जाँच में उन्हें आय से अधिक संपत्ति का दोषी पाया था।
जाँच के दौरान यह बाद सामने आई थी की उन्होंने पत्नी के नाम से खरीदी गई ज़मीन को छुपाया था और उनकी पत्नी के नाम से अलग से एकता नगर में ज़मीन भी मिली थी।निगरानी ब्यूरो से पूर्व संजीवनी बिल्डकान मामले में सीबीआई ने उनको चार्जशीटेड भी किया था।
शशीभूषण सिंह, उनके रिश्तेदार और उनके कई मित्र सैकड़ों बेशकीमती संपत्ति के मलिक हैं जो उनके अवैध कमाई से बनाई गई है।
सबसे अचंभित करने वाली बात यह है की ऐसे चार्जशीटेड और भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी लगातार न केवल लोगों को लूटता रहा बल्कि सरकारी व्यवस्था में लगातार तरक़्क़ी भी प्राप्त करता रहा। निश्चित रूप से शशीभूषण सिंह एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत है की कैसे झारखंड की वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार की गंगोत्री में आकंठ डूबी हुई है।