झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है कहा जा रहा है कि देह व्यापार के लिए महिलाओं को बांग्लादेश से झारखंड लाया जा रहा है. इस मामले में महिलाओं ने जून में रांची के बरियातु पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसके आधार पर ईडी ने कथित घुसपैठ की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. ईडी का कहना है कि महिलाओं की मानव तस्करी कर ब्लैक मनी बनाई जा रही है. ईडी ने इस मामले में पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया है.
फर्जी दस्तावेज भी मिले
मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ महिलाओं को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन महिलाओं को एक स्थानीय रिसॉर्ट में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। महिला ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा था कि काम की तलाश में दलालों ने अवैध रूप से जंगल के रास्ते उन्हें सीमा पार कराई थी. उन्हें ब्यूटी सैलून में नौकरी दिलाने का वादा करके झारखंड लाया गया था लेकिन यहां उन्हें वेश्यावृत्ति कराया जाने लगा। इसमें पांच से छह महिलाओं को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था। एजेंट महिलाओं को यहां से जुड़े फर्जी दस्तावेज भी उपलब्ध कराते हैं.
एजेंट तस्करी के जरिए बना रहे ब्लैकमनी
ईडी के अनुसार, कई व्यक्ति अवैध घुसपैठ, फर्जी पहचान पत्र बनाने से संबंधित कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं। ऐसे में बांग्लादेश से भारत में ऐसे व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एजेंटों के संबंध में जांच करना जरूरी है. जिनका उद्देश्य ब्लैक मनी बनाना और अन्य आपराधिक गतिविधियां करना है। इसके लिए एक व्यापक जांच जरूरी है। ईडी ने यह मामला चार जून की एफआईआर संख्या 188/2024 पर दर्ज किया है। रांची के बरियातू थाने में आईपीसी 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 और 34, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14-ए के तहत यह केस दर्ज हुआ था।