रांची: यात्री सुविधा में बढोत्तरी के कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हेतु आज झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स और रांची रेल मंडल के डीआरएम जसमीत सिंह बिंद्रा की एक सकारात्मक बैठक डीआरएम कार्यालय में संपन्न हुई। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कोविड महामारी के दौरान से गुमला में बंद पड़े रेलवे टिकट काउंटर को खोलने को जरूरी बताते हुए कहा कि काउंटर के बंद होने के कारण गुमला जिले के लोगों को लोहरदगा, टोरी और रांची पर निर्भर रहना पड़ता है। उचित होगा कि गुमला में बंद हो चुके रेलवे टिकट काउंटर को शहर के बीचों बीच उचित स्थल पर फिर से खोलने की पहल की जाय।
प्रतिनिधिमंडल ने झारखण्ड से छत्तीसगढ़ की रेलवे कनेक्टिविटी को जोड़े जाने की बात कहते हुए ट्रेन संख्या 08185/08186 हटिया दुर्ग को नागपुर तक विस्तारित करते हुए इसका परिचालन प्रतिदिन करने तथा रांची से रायपुर बंदे भारत ट्रेन परिचालित करने का सुझाव दिया। कहा गया कि इस मार्ग में भारी भीड रहती है जिस कारण यात्रियों को आरक्षित सीटें उपलब्ध नहीं हो पाती। साथ ही रांची से अहमदाबाद नई ट्रेन के परिचालन को भी जरूरी बताया गया।
झारखण्ड चैंबर के रेलवे उप समिति के चेयरमेन और डीआरयूसीसी के सदस्य नवजोत अलंग ने रांची से अयोध्या सीधी ट्रेन के परिचालन को जरूरी बताया। यह भी सुझाया कि ट्रेन संख्या 18611/12 रांची बनारस एक्सप्रेस का विस्तार लखनउ तक कर दिया जाय। इसके लिए अलग रैंक की भी आवश्यकता नहीं है। लोहरदगा टोरी लाइन से सप्ताह में तीन दिन इस ट्रेन को परिचालित करने का निर्णय यात्रियों के हित में होगा।
डीआरएम जसमीत सिंह बिंद्रा ने चैंबर प्रतिनिधिमण्डल की सभी बातों पर रांची रेलमंडल की ओर से समुचित कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। यात्रियों की असुविधा को देखते हुए उन्होंने गुमला में रेलवे टिकट काउंटर को जल्द खोलने की भी सहमति जताई। चैंबर ने सीमेंट व्यवसायियों के लग रहे डैमरेज शुल्क से संबंधित मुद्दे पर भी बात की जिसपर डीआरएम ने उचित कार्रवाई की बात कही और आश्वस्त किया कि आगे से व्यापारियों को अतिरिक्त जुर्माना नहीं लगेगा। प्रतिनिधिमंडल ने सीनियर डीसीएम निशांत कुमार और डीओईएम स्नेहा सिंह से भी मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, सह सचिव अमित शर्मा, डीआरयूसीसी सदस्य नवजोत अलंग, महेंद्र जैन, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार, सदस्य राजा बग्गा, अंकुर जैन, अशोक केडिया शामिल थे।
