रांची: झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ( JUVNL ) में एरियर घोटाले का बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि निगम के लगभग हर एरिया बोर्ड एवं ट्रांसमिशन जोन में ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से मजदूरों का हक मारा जा रहा है.

श्री राय ने बताया कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक झारखंड सरकार के श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर महंगाई भत्ता (DA) एवं न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन किया गया, परंतु इन संशोधनों का लाभ निगम के मजदूरों को अब तक नहीं मिला.उन्होंने कहा कि कुछ गिने-चुने ठेकेदारों ने ही आंशिक भुगतान किया है, जबकि अधिकांश क्षेत्रों में मजदूरों का एरियर राशि ठेकेदारों द्वारा रोक लिया गया. यह राशि करोड़ों रुपये में है और यह पिछले कई वर्षों से अनवर्त जारी है.
श्रमिक संघ ने इस मुद्दे को लेकर निगम के संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्राचार कर अवगत कराने का काम किया, परंतु अफसोस की बात है कि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों की भी इस घोटाले में संलिप्तता है या वे ठेकेदारों के दबाव में काम कर रहे हैं. यह घोटाला न सिर्फ श्रम कानूनों का उल्लंघन है बल्कि मजदूरों के मेहनताना के अधिकार का भी शोषण है.
श्री अजय राय ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही इस मुद्दे पर कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई तो श्रमिक संघ पूरे राज्य में आंदोलन करने को बाध्य होगा.
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ का सरकार से मांग…
उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच कमेटी गठित कर एरियर घोटाले की जांच कराई जाय.
संबंधित ठेकेदारों एवं अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
मजदूरों का रोका गया एरियर भुगतान जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए.
भविष्य में मजदूरों के साथ इस प्रकार की ठगी न हो, इसके लिए एक पारदर्शी और जवाबदेह भुगतान प्रणाली लागू की जाए.
यह मामला न केवल भ्रष्टाचार का उदाहरण है बल्कि यह झारखंड के हजारों श्रमिकों की रोजी-रोटी और सम्मान से भी जुड़ा हुआ है। श्रमिक संघ का कहना है कि जब तक मजदूरों को न्याय नहीं मिलता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा.