मेडिकल कॉलेज के संचालन से चिकित्सकों की कमी दूर होगी: राजीव रंजन
रांची: कर्मचारी राज्य बीमा निगम, झारखण्ड के क्षेत्रीय निदेशक राजीव रंजन एवं अन्य विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में शुक्रवार को चैंबर भवन में नियोक्ताओं की एक बैठक संपन्न हुई। क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि नियोक्ता हमारे मुख्य स्टेकहोल्डर्स हैं। चिकित्सकीय सुविधा में सुधार के लिए बीमा निगम द्वारा नियोक्ता और बीमितों के फीडबैक से सुधार के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। नये वर्ष में मार्च-अप्रैल तक नामकोम स्थित 300 बेड के अस्पताल का संचालन प्रारंभ हो जायेगा। ईएसआइसी द्वारा इस वर्ष देश भर में 10 नये मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया गया है जिसके तहत नामकोम में भी एक मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित है। अगले सत्र से मेडिकल कॉलेज भी शुरू होगा। मेडिकल कॉलेज के संचालन से चिकित्सकों की कमी दूर होगी और इससे चिकित्सकीय सेवा में भी बेहतर सुधार होगा।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने सभी नियोक्ताओं से इसका लाभ लेने की अपील की। निगम की योजनाओं से नियोक्ता और कर्मचारी अधिकाधिक लाभान्वित हो सकें, इस हेतु उन्होंने इस प्रकार के शिविर का आयोजन राज्य के प्रत्येक जिले में करने का सुझाव भी दिया। श्रम उप समिति चेयरमेन प्रमोद सारस्वत ने निगम के पोर्टल में सुधार, ईएसआईसी अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल में मरीज को रेफर करने में परेशानी, ईएसआईसी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी, बीमा निगम की योजनाओं पर नियमित रूप से जागरूकता कार्यशाला का आयोजन करने, जमशेदपुर स्थित अस्पताल का संचालन जल्द प्रारंभ करने, बीमितों की बढती संख्या को देखते हुए मेन रोड, रातू रोड और हरमू रोड में डिसपेंसरी खोलने की बात कही। बीमितों और नियोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु प्रत्येक माह ऑनलाइन सुविधा समागम बैठक का आयोजन पुनः प्रारंभ करने के कार्यकारिणी सदस्य संजय अखौरी के आग्रह पर क्षेत्रीय निदेशक ने सहमति जताई। राजधानी रांची में बीमितों की बढती संख्या को देखते हुए हटिया क्षेत्र में एक अतिरिक्त अस्पताल के निर्माण का प्रस्ताव देने की बात पर क्षेत्रीय निदेशक ने इसपर विचार के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि अब बीमित व्यक्ति विशेषज्ञ डॉक्टर्स से ऑनलाइन अपायंटमेंट भी ले सकते हैं।
नियोक्ताओं द्वारा रखी गई समस्या पर क्षेत्रीय निदेशक ने अवगत कराया कि रांची से बाहर के जिलों के बीमितों को ईलाज के लिए रांची पर निर्भर नहीं रहना पडे तथा उनका ईलाज जिले में ही हो सके, इस हेतु निगम द्वारा प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर्स को इंपैनल किया जा रहा है। अगले एक-दो माह में सुधार देखने को मिलेंगे। पलामू, खूंटी, साहेबगंज, गोड्डा में डॉक्टर इंपैनल किये गये हैं। चैंबर अध्यक्ष के आग्रह पर उन्होंने आश्वस्त किया कि निगम द्वारा जल्द ही एक सूचि चैंबर को सौंपी जायेगी, जिसमें इसका उल्लेख रहेगा कि कौन से विशेषज्ञ डॉक्टर किस जिले में किस दिन उपलब्ध रहेंगे।
बीमा निगम के अभिषेक कुमार ने चिंता जताते हुए कहा कि तुपुदाना और ओरमांझी के डिसपेंसरी में रोजाना औसतन एक मरीज आते हैं। जबकि इस क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां और प्रतिष्ठान हैं। इस क्षेत्र के मरीजों को अपने ईलाज के लिए क्षेत्र में स्थित डिसपेंसरी में आना चाहिए। चर्चाओं के क्रम में निगम और चैंबर द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्र में जागरूकता कैंप लगाने का निर्णय लिया गया। कार्यशाला के दौरान रिबर्समेंट के विलंब में होनेवाली कठिनाई भी रखी गई। यह बताया गया कि रिम्बर्समेंट की समस्या में सुधार के लिए मेडिकल बोर्ड की संख्या बढाई गई है। नियोक्ताओं के आग्रह पर अधिकारियों ने टाटा रोड में भी डीसपेंसरी की व्यवस्था पर विचार की बात कही।
उपाध्यक्ष राहुल साबू, ज्योति कुमारी और महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने बीमा निगम की सेवाओं में सुधार के लिए अपने विचार साझा किये। कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन सह सचिव नवजोत अलंग ने किया। बैठक में चैंबर के सह सचिव विकास विजयवर्गीय, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य संजय अखौरी, मुकेश अग्रवाल, साहिज्य पवन, श्रम एवं ईएसआईसी उप समिति चेयरमेन प्रमोद सारस्वत, सदस्य किशन अग्रवाल, राजीव चौधरी, शषांक भारद्वाज, राजीव सहाय, सुनिल टिबडेवाल, राजकुमार गुप्ता, सौरव बोस, बिनय जोशी, अभिषेक पाठक, निर्भय सिंह, निरंजन कुमार के अलावा ईएसआईसी के सहायक निदेशक अभिषेक कुमार, डॉ राजेश प्रसाद, बरूण कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। उक्त जानकारी प्रवक्ता सुनिल सरावगी ने दी।
