झारखंड में कैबिनेट गठन से पहले ही सरकार पर आरोप लगने लगे है. राज्य में सरकार की ट्रेजरी से निकाले गए 2812 करोड़ रुपय का कोई हिसाब नहीं मिल रहा है. ना ही अधिकारी इन पैसों का हिसाब देने को तैयार है. ये खबर सामने आने के बाद बीजेपी नेता और धनवार से बीजेपी विधायक बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर झारखंड सरकार पर हमला बोला है.
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा है विकास के लिए जो पैसे निर्धारित हैं, उन्हें सरकार और उनके मुलाजिमों की तिजोरी में डालने की साज़िश चल रही है. हाल ही में, ट्रेज़री से 2,812 करोड़ रुपए निकाले गए हैं, जिन्हें सरकार अपनी झोली में डालकर बैठी है.
जब इस फंड का हिसाब मांगा गया, तो सरकार चुप्पी साधे बैठी है. भ्रष्टाचार इतना बढ़ चुका है कि एक विभाग का पैसा दूसरे विभाग वाले निकाल कर हजम कर रहे हैं, और जवाब तक नहीं मिलता. विकास के नाम पर जनता के पैसे का हो रहा यह दुरुपयोग, विकास की राह में सबसे बड़ी रुकावट है.
विकास का पैसा विकास में लगाइए, ना कि अपनी तिजोरी का वजन बढ़ाइए..सरकार को जनता के पैसे का हिसाब देना होगा और इसका सही इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा.
मामला सामने तब आया जब डेढ़ माह पहले तत्कालीन मुख्य सचिव एल खियांग्त और वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी विभागों के पदाधिकायों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि पेंडिंग एसी बिल के समायोजन केलिए उन कार्योलयों से नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करें. एसी बिल से निकाली गई राशि जो खर्च नहीं हुई है उसे राजकोष में जमा करने को कहा लेकिन अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ है ना ही अधिकारी इन पैसों का हिसाब दे रहे हैं.