बिहार मॉडल पर आधारित प्रीमियम सर्विस स्वीकार्य नहीं होगी : संघ

रांची
Share Now

झासा की विशेष आम सभा : झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के सैकड़ों पदाधिकारियों ने दिखाई एकजुटता

सेवा शर्तों की बेहतरी एवं समयबद्ध प्रोन्नति की मांग जैसे मामले भी बैठक में छाए रहे

रांची: झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) की विशेष आम सभा की बैठक स्थानीय टाना भगत स्टेडियम खेल गांव में आयोजित हुई। बैठक में झारखंड प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन, समयबद्ध प्रोन्नति, झारखंड नॉन एससीएस की उपसमाहर्ता की समतुल्यता आदि विषयों पर गहन मंथन हुआ।
विषय प्रवेश के क्रम में झासा की अध्यक्ष रंजीता हेंब्रम ने संघ द्वारा अब तक किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला, तदुपरांत उन्होंने कहा कि संघ की शक्ति एकता में ही निहित है, इसलिए बड़ा कैडर होने के चलते स्वाभाविक मतभिन्नता के बावजूद हमें हर परिस्थिति में एकता प्रदर्शित करनी होगी। उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन, समयबद्ध प्रोन्नति, किसी भी पदाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई को 1 वर्ष के अंदर पूर्ण करने जैसे अन्य लंबित विषयों को सरकार के समक्ष मजबूती से रखने के अपने संकल्प को दोहराया। प्रस्तावित राज्य प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन को लेकर सदस्यों के बीच उठ रही शंकाओं को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार की तर्ज पर झारखंड प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन के मॉडल को झासा स्वीकार्य नहीं करेगा।


बैठक में जिलों की कार्यकारिणी के सदस्यों ने भी अपने-अपने विचार रखे। पदाधिकारियों ने झारखंड प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन की वकालत तो की किंतु सदस्यों द्वारा यह भी दोहराया गया कि बिहार मॉडल के तर्ज पर सेवा पुनर्गठन न किया जाए, क्योंकि बिहार में राज्य सिविल सेवा को प्रीमियर सेवा बनाने के बाद वहां जो समस्याएं आईं उन्हें देखते हुये झारखंड के पदाधिकारी उस माडल से सशंकित हैं।

सेवा पुनर्गठन के ड्राफ्ट पर लिया जाए मंतव्य


झासा के सदस्यों ने मत रखते हुए कहा कि सरकार यदि झारखंड प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन की सोच रही है तो यह बहुत ही सकारात्मक बात है, किंतु झाप्रसे पुनर्गठन प्रस्ताव का जो ड्राफ्ट है उसे सार्वजनिक करते हुए झाप्रसे के पदाधिकारियों से मंतव्य लेना चाहिए, झाप्रसे कैडर के हित-अनहित पर सम्यक विमर्श उपरांत ही प्रीमियर सेवा को अंतिम स्वरूप दिया जाना चाहिए।

गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के भारतीय प्रशासनिक सेवा में इंडक्शन को लेकर निर्धारित अधिकतम 15% की सीमा को ही नियमित कोटा मान लेने की चल रही परंपरा का सर्वसम्मति से विरोध किया गया।


पिछले दिनों झारखंड के गैर प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के उपसमाहर्ता की समतुल्यता के संबंध में सरकार द्वारा जो निर्णय लिया गया उसको लेकर भी संघ ने नाराजगी जतायी।
आमसभा में अधिकारियों की ओर से रखे गए विभिन्न विषयों पर उनकी चिंताओं और भावनाओं से राज्य के नीति निर्माताओं को अवगत कराने का भी निर्णय लिया गया। झारखंड प्रशासनिक सेवा के हित को ध्यान में रखते हुए तमाम समसामयिक मुद्दों को सरकार के उचित मंचों पर रखा जा चुका है, यदि उनकी तर्क संगत मांगों को सरकार नहीं मानती है तो शीघ्र ही व्यापक आंदोलन के लिए झासा बाध्य होगा।


आमसभा की इस बैठक में केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के अलावा राज्य भर से सैकड़ो पदाधिकारियों की सहभागिता रही। उक्त कार्यक्रम का संचालन महासचिव राहुल कुमार ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *